मृदा परीक्षण में 87 फीसद नमूने फेल

जिले की मिट्टी में आयरन-जिंक और कैल्शियम की भारी कमी चिंता का विषय


 


सहारनपुर।  मृदा परीक्षण की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि जिले की मिट्टी कुपोषण के मुहाने पर आ चुकी है। 2000 नमूनों में से 1750 मृदा नमूनों की रिपोर्ट में सामने आया है कि जनपद की मिट्टी में आयरन, जिंक व कैल्शियम की भारी कमी है। रिपोर्ट आने के बाद कषि विभाग में खलबली मची है।


आनन-फानन में सभी ब्लाकों के पांच-पांच गांव का चयन कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि किसानों को जैविक उर्वरकों से होने वाले लाभ के बारे में समझाया जा सके। इसके विपरीत किसान आज भी रासायनिक उर्वरकों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। खेतों से अधिक उत्पादन लेने की होड़ और रसायनों के अत्यधिक उपयोग से कृषि भूमि के पोषक तत्व लगातार घट रहे हैंइतना ही नहीं अब पहले की तरह न तो मिट्टी और न ही फसलों की खशब आती है।


इसका एक कारण यह भी है कि किसान फसल कटाई के बाद परालीकिसान जागरण व गन्ने की पत्ती आदि को अभी भी खेतों में ही जला रहे हैं। उप निदेशक कृषि रामजतन मिश्रा ने बताया कि अप्रैल से माह अक्टूबर तक जनपद के सभी 11 ब्लाकों के एक-एक गांव से मिट्टी के 1750 नमूने लेकर उनकी जांच की गई थी। जांच में सामने आया है कि जनपद की कृषि भूमि में सल्फर, कॉपर (जिंक) लगातार कम हो रहा है।